अंगारों - angaaron

पत्थर है वो

मुझे रोक-टोक कहते हैं लोग

पर मोम सा है मेरा जानू

 

 

नश्तर है वो

यही दूर-दूर गूंजे फितूर

पर बादशाह है मेरा जानू

 

 

हो कड़वी है बोली

दिल है रंगोली

इसमें पत्थर क्यों

लोग देखते हैं

 

 

मुझको तो दिखता है

इसमें कोई सनम

 

 

अंगारों का अंबर सा

लगता है मेरा सामी

मेरी राहों में फूलों का

रास्ता है मेरा सामी

 

 

हो आग देखी, ताप देखी

इसकी आँखों में सबने

आब देखा, ख्वाब देखा

इसकी आँखों में हमने

 

 

इसके मूछों में बला के

देखी है शान सबने

पर इन ही मूछों के पीछे

देखी मुस्कान हमने

 

 

शेरों की अगर रफ़्तार हो उसकी

रहती है उसपे सबकी नज़र

सो जाए जब सिर गोद में रखकर

इसकी थकान का श्रीवल्ली को हो खबर

 

 

अंगारों का अंबर सा

लगता है मेरा सामी

मेरी राहों में फूलों का

रास्ता है मेरा सामी

 

 

हो महंगे-महंगे बांटे तोहफे

ये है इसकी नवाबी

मुझसे डर-डर के ये मांगे

एक झप्पी गुलाबी

 

 

मसला कितना भी हो मुश्किल

चुटकियों में करे हल

कुर्ता इसका न मिले तो

मांगे मुझसे ये पागल

 

 

घर से अलग बाहर की दुनिया

झुकती रहे इसके आगे

पर जब-जब घर से निकले

माथे पे तिलक मुझसे आके मांगे

 

 

अंगारों का अंबर सा

लगता है मेरा सामी

ऐसा घरवाला मिल जाए

 

 

तो घरवाली महारानी